
खाली है
कितना प्रतिभाशाली है
काम नहीं है, खाली है
केवल फल से मतलब है
कैसे कह दूँ माली है
थोड़ा और दहेज़ जुटा
बिटिया तेरी काली है
तुझसे कोई बैर न था
फ़िर क्यों आँख घुमा ली है
फल आने का मौसम है
पेड़ बेचारा खाली है
बाजीगर
लफ्जों का बाजीगर है
कब्जे में पूरा घर है
तेरा हाँ..हाँ..हाँ करना
लालच होगा, या डर है
तू मुझसे क्या छीनेगा
धरती अपना बिस्तर है
उससे कैसी उम्मीदें
पैदाइश से बेपर है
देश हुआ सब्जी मंडी
लाभ में ऊंचा स्वर है
- प्रताप सोमवंशी