Tuesday, August 30, 2011

एन जी ओ का पइसा बोला




मैं भी अन्ना

गलियां बोलीं, मैं भी अन्ना, कूचा बोला, मैं भी अन्ना!

सचमुच देश समूचा बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


भ्रष्ट तंत्र का मारा बोला, महंगाई से हारा बोला!
बेबस और बेचारा बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!

जोश बोला मैं भी अन्ना, होश बोला मैं भी अन्ना!

युवा शक्ति का रोष बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


साधु बोला मैं भी अन्ना, योगी बोला मैं भी अन्ना!
रोगी बोला, भोगी बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


गायक बोला, मैं भी अन्ना, नायक बोला, मैं भी अन्ना!
दंगों का खलनायक बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!

कर्मनिष्ठ कर्मचारी बोला, लेखपाल पटवारी बोला!

घूसखोर अधिकारी बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


मुंबई बोली मैं भी अन्ना, दिल्ली बोली मैं भी अन्ना!
नौ सौ चूहे खाने वाली, बिल्ली बोली, मैं भी अन्ना!

डमरू बजा मदारी बोला, नेता खद्दरधारी बोला!

जमाखोर व्यापारी बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


हइया बोला मैं भी अन्ना, हइशा बोला मैं भी अन्ना!
एन जी ओ का पइसा बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!

दायां बोला, मैं भी अन्ना, बायां बोला, मैं भी अन्ना!

खाया, पिया, अघाया बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!

निर्धन जन की तंगी बोली, जनता भूखी नंगी बोली
हीरोइन अधनंगी बोली, मैं भी अन्ना ,
मैं भी अन्ना!

नफरत बोली मैं भी अन्ना, प्यार बोला मैं भी अन्ना!
हंसकर भ्रष्टाचार बोला, मैं भी अन्ना, मैं भी अन्ना!


- अरुण आदित्य
( साभार : अमर उजाला, २८ अगस्त २०११)